
Share0 Bookmarks 178 Reads0 Likes
गली-गली हैं बिकने वाले
चाहे जैसा दाम लगा ले
उलझे-उलझे झूठ के जाले
मकड़जाल में सच उलझा ले
प्यार मुहब्बत एक धरम है
एक तरफ हैं नफ़रत वाले
अब कोई सुकरात नहीं है
कौन पियेगा ज़हर के प्याले
- साहिल
Twitter: @Saahil_77
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments