Share0 Bookmarks 49306 Reads0 Likes
गली-गली हैं बिकने वाले
चाहे जैसा दाम लगा ले
उलझे-उलझे झूठ के जाले
मकड़जाल में सच उलझा ले
प्यार मुहब्बत एक धरम है
No posts
No posts
No posts
No posts
गली-गली हैं बिकने वाले
चाहे जैसा दाम लगा ले
उलझे-उलझे झूठ के जाले
मकड़जाल में सच उलझा ले
प्यार मुहब्बत एक धरम है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments