खूँटी पे मीनार की, टंगा हुआ था चाँद
छप्पर इतना दूर था, पहुँच सका ना चाँद
तुझसे करवा चौथ है, तुझको देखे ईद
बँटे हुए इंसान की, चंदा तू उम्म
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