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माना टूटे हुए सितारे हैं
फिर भी जलते हुए अंगारे हैं
आज कल कश्तियाँ डुबोती हैं
हम तो तूफ़ान के सहारे हैं
स्याह रातों से भी जो काले थे
वो सुरंगों से दिन गुज़ारें हैं
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माना टूटे हुए सितारे हैं
फिर भी जलते हुए अंगारे हैं
आज कल कश्तियाँ डुबोती हैं
हम तो तूफ़ान के सहारे हैं
स्याह रातों से भी जो काले थे
वो सुरंगों से दिन गुज़ारें हैं
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