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ये चांदनी रात,
नील गगन में चमकते सितारे,
पेडो के पत्तों पर ठहरी ओस की बूंदे,
निर्मल चांदनी में मोती सी चमक रही हैं,
ये प्रकृति का नजारा,
कल रहे या ना रहे,
जो भी मिला है उसे जी भर जी लो,
ये शमा ये नजारा कल रहे ना रहे ।
ये धरती की हरियाली,
पवन के वेग से झूमती वृक्षों की डाली,
ये खेतों में लहलहाती ,
फसलों की बालियां,
पीले पीले सरसों के फ़ूलों की डालियां,
कल कल बहती नदियों की धारा,
ये धरती का अ
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