
Share0 Bookmarks 39 Reads0 Likes
अपने वजूद के बिखराव पर तरस आता है,
सपनों के शीशमहल का टुकड़ा नजर आता है,
जो हसरतें मेरे जीने की वजह थीं
उन हसरतों के खंडहर में जीने का अंदाज
नजर आता है ।
कोई जानता नहीं उसके भविष्य का अंजाम
क्या होगा,
जिस सफर पर चल पड़ा है उसका परिणाम
क्या होगा,
चलने वाले तो सफर पर चलते रहते हैं,
जीत हार का परिणाम किसके नाम होगा ।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments