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वजूद का बिखराव

Sahdeo SinghSahdeo Singh April 19, 2023
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अपने वजूद के बिखराव पर तरस आता है,

सपनों के शीशमहल का टुकड़ा नजर आता है,

जो हसरतें मेरे जीने की वजह थीं

उन हसरतों के खंडहर में जीने का अंदाज

नजर आता है ।

कोई जानता नहीं उसके भविष्य का अंजाम

क्या होगा,

जिस सफर पर चल पड़ा है उसका परिणाम

क्या होगा,

चलने वाले तो सफर पर चलते रहते हैं,

जीत हार का परिणाम किसके नाम होगा ।।

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