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हम तो धरती से आकाश की
ऊंचाई नापना चाहते हैं
अपनी हसरतों से असीमित
गगन छूना चाहते हैं,
हम परिंदा हैं जो रोज उड़ान भरकर
आकाश की दूरी को भी नाप लेते हैं
मगर आसमान पर ठहर नहीं सकते
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