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Kavishala DailyPoetry1 min read

सियासत में दोस्त

Sahdeo SinghSahdeo Singh April 23, 2023
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सियासत में कोई सगा नहीं होता

जो आज दोस्त है कल का पता नहीं होता,

लाभ हानि पद प्रतिष्ठा सियासत का आधार

सत्ता का जहां अवसर हो वही अपना यार ।

पल में बदल जाते हैं जो रिश्ते दिखते खास

कुर्सी के इर्द गिर्द हर सियासतदां की आस

दौलत रसूख सियासत में चाहिए,

सत्ता की कुर्सी का सम्मान चाहिए ।

जन सेवा तो कहने का एक छलावा है भाई,

सबको दौलत रसूख की भूख ललचाई,

जिस दल में अपना सिक्का बने बनालो भाई

वरना झोली खाली रही तो नेतागिरी

नहीं काम आई ।।

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