सीमा रेखा's image
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चांद कितना भी गगन में चमके

रात को दिन तो नहीं बना सकता

सूरज बनना भी चाहे तो

धरती को ऊर्जा तो नहीं दे सकता,

कुदरत ने हर निर्माण की नियति

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