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“सत्य परेशान हो सकता है,
पराजित नहीं “।
हमारे शास्त्रों ,ग्रंथों में स्पश्ट कहा गया है
की सत्य ईश्वर है,
सत्य दबाया जा सकता है,
कुछ समय के लिये झूठलाया,
जा सकता है ।
पर सदा के लिये नहींं ,
सत्य स्वयं भू है ईश्वर है,
अपने आप प्रकट होता है ।
सत्य क्या है ?
स
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