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बड़ा गुरुर था समंदर को
अपने विशाल जल राशि
उठती ऊंची ऊंची तरंगों पर
तेल की दो चार बूंदें गिरी
तैरकर पार निकल गई ।
कहते हैं अहंकार का चरम
सबको छोटा समझने का भरम
उससे गलती करा देता है
वही उसके पतन का कारण
बनता हैं ।
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