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Kavishala DailyPoetry1 min read

समन्दर का गुुरुर

Sahdeo SinghSahdeo Singh March 26, 2023
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बड़ा गुरुर था समंदर को

अपने विशाल जल राशि

उठती ऊंची ऊंची तरंगों पर

तेल की दो चार बूंदें गिरी

तैरकर पार निकल गई ।

कहते हैं अहंकार का चरम

सबको छोटा समझने का भरम

उससे गलती करा देता है

वही उसके पतन का कारण

बनता हैं ।

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