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Kavishala DailyPoetry1 min read

शहर में कोलाहल

Sahdeo SinghSahdeo Singh March 18, 2023
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तेरे शहर में कोलाहल बहुत है

मुझे चिर शांति की तलाश है

मैं धूम आया शहर शहर पर

हर शहर गली में बवाल है ।

इस चीख चिल्लाहट में दम घुट

रहा पल पल यहां,

ना कोई विचार विमर्श यहां

हर शख्स की नजर में उसके

शख्सियत की आस है ।।

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