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सच का आइना दिखाया जब
हर चेहरा झूठा लगने लगा
मुखौटा उतर गया हो जैसे
बदरंग चेहरा लगने लगा ।
हर चेहरे पर चेहरा लगाए
अपने वफादारी का दम भरते हैं लोग
वक्त के बदलाव पर
भीड़ में गुम हो जाते हैं लोग ।
जब तक खुद का स्वार्थ है
हर इंसान आपका मित्र है
जब आपका हाथ फैला किसी से
मित्रता चलचित्र है ।।
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