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जब राम हमारे साथ तो
फिर डरने की क्या बात
वही नैया हमारे हैं वही मांझी भी
लगाएं पार भवसागर से
या डुबो दें बीच मंझधार ।
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जब राम हमारे साथ तो
फिर डरने की क्या बात
वही नैया हमारे हैं वही मांझी भी
लगाएं पार भवसागर से
या डुबो दें बीच मंझधार ।
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