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फूल बनकर सदा मुस्कराते रहो
तुम्हारे कदमों में जन्नत झुक जाएगी,
मुस्कान बांटते रहो हर इंसान में
प्यार की बगिया खिल जायेगी ।
खुशबू बनकर फिजा में महकते रहो
ये फिजा की रंगत बदल जायेगी,
शुष्क चेहरों पर मुस्कान लाओ कभी
इंसानियत में खुशरंग आ जायेगी ।
फूल बनकर सदा मुस्कराते रहो,
तुम्हारे कदमों में जन्नत झुक जाएगी ।।
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