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जीवन एक नदिया है,
सुख दुख दो किनारा है,
दोनों जीवन के दो पाट,
बहती निर्मल जलधारा है ।
जब तक बहती जलधारा,
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सुख दुख दो किनारा है,
दोनों जीवन के दो पाट,
बहती निर्मल जलधारा है ।
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