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मोहब्बत के नाम पर कविता और शायरी
कवि और शायर करते हैं अक्सर
नफरत और तिजारत भरी हर गली में
इस पर नहीं कुछ कहते क्यों अक्सर,
तालियां जहां मिलती है इनको
वही नज्म इनकी पहचान है,
इसी में खोए रहते हैं दिन भर
दौलत कमाना ही इनकी शान है,
गरीबी मुफलिसी से अनजान हैं ये
चमकती चकाचौंध पर मेहरबान हैं,
देते समाज को संदेश अक्सर
मोहब्बत के सिवा ना कोई काम है ।।
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