Share0 Bookmarks 49689 Reads0 Likes
मिट्टी की भीनी भीनी खुशबू
फिजा मे तैर रही है,
वर्षा की बूंदों से भीगी धरा
तृप्त हो रही है,
प्रकृति का सुंदर संगम दोनों
दोनों का मधुरम मिलन,
तपते हुए इन होठों की प्यास
बुझ रही है,
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments