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मानवता कितनी बेबस है
हम रोज देखते हैं,
हमारे जीवन के हर अरमान
बस अरमान रहते हैं,
हम सब कुछ करके भी
खाली हाथ रहते हैं,
हमारे सपने हमारे अरमान
बस यूं ही होते हैं,
कभी किस घड़ी में एक
तूफान आ जाए
मानवता के विनाश का
कहानी बन जाए ।
ये ईश्वर की सियासत है या
कोई नाराजगी
जो इंसान की तबाही का
अंजाम बन जाए ।।
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