
Share0 Bookmarks 57 Reads0 Likes
जिनको गुमान था अपने हुनर पर
वो तैरते तैरते डूब गए,
जिन्हें विश्वास था अपने आराध्य पर
वो तैरते तैरते तर गए,
हैसियत कुछ भी नहीं तुम्हारी फिर
इतना अभिमान क्यों ?
तुम्हारे वश में कुछ भी नहीं फिर
शहंशाह क्यों,
तुम तुम हो कोई खुदा तो नहीं
एक इंसान हो औरों से जुदा तो नहीं ।।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments