कभी सोचा नहीं था's image
Kavishala DailyPoetry1 min read

कभी सोचा नहीं था

Sahdeo SinghSahdeo Singh July 7, 2022
Share0 Bookmarks 97 Reads0 Likes

हालात यूं बिगड़ जायेंगे

कभी सोचा नहीं था

देश के हर कोने में आक्रोश का

उबाल कभी सोचा नहीं था,

इस मुल्क का हर शख्स जिम्मेदार है

इस हालात के मंजर का

मजहब ही किरदार होगा

कभी सोचा नहीं था ।

कैसे कैसे बोल का ढोल पीटते हैं लोग

समाज के ठेकेदार बन फैसला करते हैं लोग,

एक सौ तीस करोड़ अवाम की शांति का

संदेश चंद लोगों की जागीर,

कैसे अमन की कामना करें

कभी सोचा नहीं था ।।

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts