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जिंदगी को बोझ न समझो,
जिंदगी वो गुलिस्तां है ,
जिसमें फूल अनेकों खिलते हैं
मगर मौसम बदलने पर ।
कभी कभी मुरझा जाते हैं
जो फूल उनमें फिर से खिलने
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जिंदगी को बोझ न समझो,
जिंदगी वो गुलिस्तां है ,
जिसमें फूल अनेकों खिलते हैं
मगर मौसम बदलने पर ।
कभी कभी मुरझा जाते हैं
जो फूल उनमें फिर से खिलने
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