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हवाओं में भीनी सुगंध आ रही है
फिजाओं में मधुर गंध मिल गई है
फूल कलियां खिली महक से गुलशन भरा
सूने जीवन में जैसे बहारें मिल गई हैं ।
कहीं कोयल की मधुर बोल कानों में गूंजे
कहीं मंदिर की घंटियों से भक्ति गीत गूंजे
इन महकती फिजाओं के संगीत धुन से
जीवन सरगम की उमंग बीन बजे ।
हरे भरे पत्तों से लदी डालियां
फूल कलियों की गुच्छों की मस्तियां
गूंजे भौरों की मदमाती धुन
घुलेे कानों में बसंत की रंगरेलियां ,
ऐसे सुहाने फिजा में जीवन खुशियां ही खुशियां ।।
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