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हर तरफ बवाल है
सबके मन में सवाल है,
हम कहां खड़े हैं आज,
क्या अपना संस्कार है ।
जाति मजहब मंदिर मस्जिद
एक दूजे में जल रही
नफरत और सियासत तल्खी
कैसा अपना हाल है,
हर तरफ बवाल है,
भेदभाव में घिरे इंसानियत से फिरे
अपने अपने धर्म की
नफरती उवाच करें,
मजहब और सियासत में
अवाम में लकीर करें,
ऐसा बुरा हाल है
हर तरफ बवाल है ।।
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