हमने जो देखा's image
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हमने जो देखा शब्दों में ढाल दिया

सत्ता ने संविधान को कंगाल कर दिया

ना डर है किसी में ना कोई पछतावा

अपराधी मानसिकता का फूटता लावा 

किसको दोष दूं किसका कसूर है

नफरत के इस मंजर से जनता मजबूर है

रोजी रोटी के लिए आम इंसान परेशान

धर्म लोकतंत्र का कवच सत्ता का विधान ।।

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