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हजारों तलवारें

Sahdeo SinghSahdeo Singh March 17, 2023
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हजारों तलवारें तन गई हैं उनपर

लोकतंत्र के हिमायती ठेकेदारों के

खुद से खींचते हैं नई लकीरें राष्ट्रवाद के

औरों पर राष्ट्रद्रोह का इल्जाम लगाते हैं ।

देश के सम्मान का हर देशवासी

मान रखता है,

अगर कुछ गलत है तो उस पर मत

रखने का संविधान अधिकार देता है,

क्यों आज सब लोकतंत्र के मसीहा बन बैठे हैं

या अपने विरोध पर तलवारें उठाए ऐंठे हैं ।।



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