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यह गुलिस्तां जो बनाया हमने,
एक तूफान ने उजाड़ दिया,
बिखरा दिया हर फूल डाली से,
उनमें रंगो का विभाजन कर दिया ।
अलग अलग कर दिया
तूफान के झोंको ने,
बिखरा दिया उनको जाति रंग के
नफरती बंटवारे में,
आज गुलिस्तां की एकता ,
बंट गई सियासत के गलियारों में ।।
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