
Share0 Bookmarks 391 Reads0 Likes
एक परिंदा आकाश में स्वछंद,
उड रहा अचानक धरती पर आ गिरा,
किसी ने तीर ऐसा चलाया,
की परकटा धरती पर आ गिरा,
पंख घायल हो गये ऐसे,
की अब उड नहीं सकता जीवन भर,
एक हसरत भरी निगाहों में,
दर्द से तड़पता अश्रु भर ,एक सवाल था उसकी निगाहों में,
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments