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गरीबी आंसू बहाती है
अमीरी मुस्कराती है,
ये कैसा खेल दौलत का जो
दौलतमंद बनाती है,
किसी के आंसू गिरते हैं
कोई आंसू पर मुस्कराता है,
गरीबी ही इस दुनियां में लूटी जाती है
कभी दौलतमंद के हाथों से
कभी सियासत की थाती है ।।
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