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एक अजनबी से मिला वो था कमाल का,
आंखों में बड़े सपने थे मदमस्त चाल था,
बातें बड़ी बड़ी करता बेफिक्र था बंदा,
बेरोजगार था ना था कोई धंधा,
फिर भी बड़े जोश विश्वास से कहता,
मेरे तो श्री राम हैं वही हैं कर्ता,
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