Share0 Bookmarks 215950 Reads0 Likes
“दूसरी पारी”
आज मेरे टूटे हुए गुरूर
का काला दिवस है,
जो मेरे विश्वास के अभिमान
को चूर चूर कर दिया,
समय के चक्र ने आज के
ही दिन मेरे मनोबल को
अपाहिज बना दिया ।
एक साल से बिस्तर के,
इर्द गिर्द जिन्दगी सिमट गयी,
जिन्दगी की सारी हसरतें,
बिखर कर रह गयी ।
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments