Share0 Bookmarks 48641 Reads0 Likes
खुद में डूबे हो इस कदर
दुनिया से बेखबर,
बदल रहा परिवेश बदल रहा
हर कलेवर,
पुराने रीति रिवाज बदल रहे हमारे सब
अर्थ की दुनिया के खिलाड़ी हैं हम सब,
No posts
No posts
No posts
No posts
खुद में डूबे हो इस कदर
दुनिया से बेखबर,
बदल रहा परिवेश बदल रहा
हर कलेवर,
पुराने रीति रिवाज बदल रहे हमारे सब
अर्थ की दुनिया के खिलाड़ी हैं हम सब,
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments