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एक दिन चांद ने पूछा तूं रोता क्यों है
मेरे खुशगवार चांदनी में सिसकता क्यों है,
मेरे अश्क तले कवियों ने कविताएं लिखी
प्यार करने वालों ने मोहब्बत की कसमें खाई
एक तूं है की तेरे चेहरे पर गम की परछाई,
जिंदगी आंसुओं तले कटती नहीं
जिंदगी तो फूल की तरह खिलती है
जिसके खुशबू से फिजाएं महक जाती है,
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