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मैले कुचैले फटे कपड़े, हाथों में कटोरा लिए ,
बडी बडी गाडिय़ों के पीछे भागते मासूम बच्चों को देखा है,
आंखों में निराशा है पर जीवन जीने की अभिलाषा है,
दिन रात भागते हैं एक रोटी के लिए, पर उन्हे शिकायत नहीं किसी से,
ना लोगों से ना ईश्वर
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