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बड़े मुद्दतों बाद एक सुकून नजर आया है,
इन मुरझाए चेहरे पर एक सुकून नजर आया है
जो चाहत थी कि मैं भी एक पहचान पाऊं
जमाने में मेरे किरदार की एक निशान पाऊं
मेरी लेखनी चलती रही कोरे पन्नों पर
हर पन्नों की एक इश्तहार बन जाऊं ।।
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