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बैलगाड़ी हमारी विरासत की पहचान है,
जब ना मोटर थी, ना कार थी ना बाइक
बैलगाड़ी ही हमारे पूर्वजों को सवारी थी,
लोग तीस चालीस किलोमीटर की यात्राएं
पैदल चलकर या बैलगाड़ी से सफर करते थे ।
गांव देहात की सबसे सुंदर और आरामदेह
सवारी बैलगाड़ी थी ,
बदलते हालात और वैज्ञानिक विकास
ने हमें अनेक आधुनिक उपलब्धियां दिया
पर बैलगाड़ी आज भी हमारी पहचान है ।
आजकल नए नए आधुनिक संसाधनों
से हम अपनी दूरियां आसानी से तय कर लेते हैं
पर सोचिए अपने पूर्वजों के बारे में जो
लंबे लंबे सफर का काफिला बैलगाड़ी से
तय किया जाता था ।।
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