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बिखरी यादों के मोती को समेटने लगा,
उन मासूम बचपन के पलों को जीने लगा,
हम दोस्तों की टोली जिसमें करते हम सब
हंसी ठिठोली,
एक दूजे के हाथों में हाथ डाले,
खेल खेल में मस्ती करते हमजोली,
वो भी क्या
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