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अर्थ प्रधान है जीवन का संविधान
अर्थहीन इंसान की नहीं कोई पहचान
अर्थ हैसियत रसूख बनाए
समाज में इज्जत सम्मान दिलाए
अर्थ से जुड़ा है जीवन का हर सुख
अर्थहीन इंसान गुमनाम ही रह जाए ।
रिश्तों के मान सम्मान का अर्थ आधार
अर्थ नहीं तो व्यर्थ जीवन का हर विधान
अर्थ से ही समर्थ बनता है हर इंसान ।
अर्थ अर्जित करने के लिए हर दौड़ है मुमकिन
हर इंसान इस दौड़ में खुद को किया शामिल
कोई हासिल करता है कोई चूक जाता है
अर्थ व्यर्थ है कह कर छुप जाता है,
सच है जीवन के लिए अर्थ प्रधान
इससे ही जुड़ा है जीवन का सम्मान ।।
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