
Share0 Bookmarks 65 Reads0 Likes
इन आंखों में छिपी खामोशी,
दिल के दर्द बयाँ करती है,
खामोश हैं मगर,
खामोशी में सब कुछ बयाँ करती है ।
कुछ कहने के लिये शब्द जरूरी नहीं,
आँखे अभिव्य
No posts
No posts
No posts
No posts
इन आंखों में छिपी खामोशी,
दिल के दर्द बयाँ करती है,
खामोश हैं मगर,
खामोशी में सब कुछ बयाँ करती है ।
कुछ कहने के लिये शब्द जरूरी नहीं,
आँखे अभिव्य
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments