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इंसानों में समय का बदलाव आया है
नम्रता नहीं सबमें आक्रोश का साया है,
बात बात पर विवाद और उसका प्रतिकार
इंसानियत को करती तार तार
ये कैसा वहशीपन की छाया है,
इंसानों में समय का बदलाव आया है ।
अपने अपने
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