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जरा मुस्कुरा, मुस्कुराने का दिन है।
लबो को खुशी से मिलाने का दिन है।।
ये 'होली' है रंगों का त्यौहार प्यारे!
कि रंगों में ये रंग जाने का दिन है।।
कभी सुन ले ख़ामोशियों को भी अपने।
ये जख्मों में मरहम लगाने का दिन है।।
सभी दाग छुप जाएंगे रंग में रंग जा।
ये फागुन कि धुन गुनगुनाने का दिन है।।
बसन्ती पवन संग चढ़ा रंग बसंती।
भुला गम कि खुशियां मनाने का दिन है।।
नया दिन है 'सायबा' नयी सी है रातें।
नये गुलिस्तां को खिलाने का दिन है।।
जरा मुस्कुरा, मुस्कुराने का दिन...
संवेदिता
लबो को खुशी से मिलाने का दिन है।।
ये 'होली' है रंगों का त्यौहार प्यारे!
कि रंगों में ये रंग जाने का दिन है।।
कभी सुन ले ख़ामोशियों को भी अपने।
ये जख्मों में मरहम लगाने का दिन है।।
सभी दाग छुप जाएंगे रंग में रंग जा।
ये फागुन कि धुन गुनगुनाने का दिन है।।
बसन्ती पवन संग चढ़ा रंग बसंती।
भुला गम कि खुशियां मनाने का दिन है।।
नया दिन है 'सायबा' नयी सी है रातें।
नये गुलिस्तां को खिलाने का दिन है।।
जरा मुस्कुरा, मुस्कुराने का दिन...
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