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मेरे पास बैठ।..

Rudranshu ShuklaRudranshu Shukla January 31, 2023
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आ ठहर मेरे पास बैठ, 
आँख मूँद मेरे ख्वाब देख। 
यहां वहां हर जगह मै, 
तू मुझमे अपनी कायनात देख।। 

सिरहने का ख्वाब लिए जो आया है , 
रुक, ठहर, इंतज़ार कर , 
मुझसे तू ऐसी आस कर, 
ख्वाब सारे पूरे होंगे , 
मुझसे तू ऐसी बात कर , 

मै समझ गयी तेरी उलझन , 
उलझनो को लांग कर , 
कुछ नये ख्वाब देख , 
आ ठहर मेरे पास बैठ, 
आँख मूँद मेरे ख्वाब देख।। 

मै निर्जीव फिर भी सजीव हूँ, 
तू मुझमे अपनी साँस देख । 
माना तू दूर से आया है , 
कुछ जज्बात साथ में लाया है , 
मुश्किलो को रख कोने मे , 
शान्त मेरे पास बैठ , 
आ ठहर मेरे पास बैठ , 
आँख मूँद मेरे ख्वाब देख ।। 
रुद्र*

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