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ज़िंदगी के नखरे

Roopali Trehan SrivastavaRoopali Trehan Srivastava February 28, 2022
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ज़िंदगी तेरे भी नखरे हज़ार हैं

मुस्कुराहटें हुई जाती बेज़ार हैं


टूटते हरपल दिल के यहाँ तार हैं

बेचैनियों के साए

हरदम सर पर सवार हैं


उदासियों के मसले

हर

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