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ज़िंदगी तेरे भी नखरे हज़ार हैं
मुस्कुराहटें हुई जाती बेज़ार हैं
टूटते हरपल दिल के यहाँ तार हैं
बेचैनियों के साए
हरदम सर पर सवार हैं
उदासियों के मसले
हर
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ज़िंदगी तेरे भी नखरे हज़ार हैं
मुस्कुराहटें हुई जाती बेज़ार हैं
टूटते हरपल दिल के यहाँ तार हैं
बेचैनियों के साए
हरदम सर पर सवार हैं
उदासियों के मसले
हर
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