
Share0 Bookmarks 7 Reads0 Likes
ज़िंदगी का नाम ही
गड़बड़ घोटाला है
बोलना हो जहां
वहां सबके मुंह
पर ताला है
ज़िंदगी ख़ुद में ही
इक अजीब सा लफड़ा है
ख्वाहिशें हैं अधूरी
हकीकतों से झगड़ा है
ज़िंदगी का सचमुच
बेढंग सा रवैया है
बाप बड़ा ना भईया
यहां सबसे बड़ा रूपैया है
ज़िंदगी ख़ुद में ही
इक अजब तमाशा है
सुकून हैं कम
बेचैनियाँ बेतहाशा हैं
✍️✍️
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments