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यादें कुछ मीठी सी
दिल को लुभाती हैं
अतीत की गलियाँ
आज भी बुलाती हैं
बंद करूं जो आँखें
तो तस्वीरें कुछ रूहानी
हकीकत को धुंधला जाती हैं
हसरतों की राहें
बाहों में भर लेने को
आज भी उकसाती हैं
सुनूं जो न ख़ुद की
तो नाराज़गी जताती हैं
दिमाग़ को रख परे
दिल का राग सुनाती हैं
दिल का राग सुनाती हैं
✍️✍️
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