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हर आँख करती सवाल है
सबको यहाँ किसी ना
किसी बात का मलाल है
कर लो जो अपने मन की कभी
तो मच जाता फ़ौरन बवाल है
औरों के लिए जीते जीते
ख़ुद का जीना हुआ मुहाल है
पूछता नहीं कोई झूठे ही कभी
आपका क्या हाल है
विचित्र है ये दुनिया और
अजीब ही इसकी चाल है
मिलता ना कोई हल इसका
ना जाने कैसा ये जंजाल है
✍️✍️
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