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आइने के सामने मुस्कराने से...
आंखों में चमक नहीं आती...
मीठे लफ्ज़ बोलने से...
लहजे की कड़वाहट नहीं जाती...
लब ना खोलने से...
दिलों की शिकायत नहीं जाती...
नज़दीकियां होने से...
फासलों में कमी नहीं आती...
ये तजुर्बों का शहर है साहब....
यहां स्याही गहरी होने से .....
अल्फ़ाज़ों में जान नहीं आती!!!
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