Share0 Bookmarks 50131 Reads0 Likes
बोला जिसने जो भी
सबकुछ हँस कर सह गए
फिर भी कुछ रिश्ते
दंभ के बोझ से ढह गए
दुखाया जिसने दिल
उसको भी माफ़ किया
रखा न द्वेष किसी से
ख़ुद को इतना पाक किया
समझा जो
No posts
No posts
No posts
No posts
बोला जिसने जो भी
सबकुछ हँस कर सह गए
फिर भी कुछ रिश्ते
दंभ के बोझ से ढह गए
दुखाया जिसने दिल
उसको भी माफ़ किया
रखा न द्वेष किसी से
ख़ुद को इतना पाक किया
समझा जो
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments