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रिश्तों का बाज़ार

Roopali Trehan SrivastavaRoopali Trehan Srivastava December 14, 2021
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सुनता नहीं दिल की

कोई सिसकियाँ मगर

दिखावटी मुस्कुराहटों के

यहाँ सब ख़रीदार हैं

ना जाने कैसा ये

रिश्तों का बाज़ार है


पड़ता नहीं तनिक भी

फ़र्क किसी को किसी से

जज़्बात भी छुपे बैठे लाचार हैं

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