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हँसी जो मैं तो ज़माना
संग हो गया
रोते ही मेरे
हर शख़्स
थक कर सो गया
बढ़ी जो मैं तो ज़माना
संग चल पड़ा
गिरते ही
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हँसी जो मैं तो ज़माना
संग हो गया
रोते ही मेरे
हर शख़्स
थक कर सो गया
बढ़ी जो मैं तो ज़माना
संग चल पड़ा
गिरते ही
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