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हर दौर की है बस यही कहानी
कहीं लबों पर मुस्कुराहट
तो कहीं आँखों में है पानी
हर दौर की है बस यही नादानी
कहीं बेहिसाब मोहब्बत
तो कहीं बिन बात की खींचा तानी
हर दौर की है बस यही बेईमानी
कहीं मतलब के रिश्ते
तो कहीं संबंध रूहानी
हर दौर की है बस यही रवानी
कहीं तंग होती नज़दीकयाँ
तो कहीं दूरियाँ रूमानी
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